Saturday 15 June 2013

 हम जानते हैं कि जरा सा में कितनी ताकत होती है .थोडा ज्यादा ,किसी और से थोडा सा अधिक. जरा सा ज्यादा ..बड़ा अंतर पैदा करने की ताकत रखता है. एक मुस्कान ,एक किरण ,एक मौका ,एक माफ़ी ,एक समझ ,एक छन ,एक मीठा बोल…कुछ ही तो धुप के टुकड़े ज्यादा मांगता है मन का आँगन खिल जाने के लिए  और ज्यादा जगमगाने के लिए ....कभी थोड़ी सी नींद ,कभी थोड़ी सी मिठास,कभी थोडा सा उजास ,हम सबमें थोडा ज्यादा पाने की इच्छा सदा बनी रहती है. कुछ अच्छा मिले तो ज्यादा मिले ,जितना नसीब से मिले वो उम्मीद का ..उससे ज्यादा मिलता है,तब ही होता है इत्मीनान ....
                 जिन्दगी नये-नये रास्तों पर मुडती रहती है ,लेकिन जो एक कदम ज्यादा चलते हैं ,वो उन मोड़ो से झांक लेते है जो आगे मुडती है ..बादल कभी सफ़ेद होते हैं,कभी पानी की बूंदों से भरकर श्याम हो जाते हैं ..आसमान को ही नहीं सूरज को भी ढांप लेते हैं,इनके बीच  से भी वे लोग रौशनी छांट  लेते हैं जो एक नज़र ज्यादा देखने में दिलचस्पी रखते हैं ........

2 comments:

  1. bahut sundar ..chhoti chhoti yahi baate antar paida karti hai ..

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  2. थोड़ा है,थोड़ी की जरूरत है.......

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