Tuesday 18 June 2013

जीवन यूँही अर्थ पाता है ,विस्तार लेता है ....जब जिन्दगी सलाह देती है ..दिल की गिरह खोल दो .भोर ऐसी दिखती है मानो  पहले कभी ना  हो ..उजास ही उजास .....अपने से परे अनजान  रास्तों पर किसी की पुकार दिल के कोनों में गूंजती है और मन का आँगन सुवासित हो उठता है ,जिन्दगी क्या है ,मन का दर्पण है .आशा के कण-कण से सींची हुई हरी-भरी बेल ..कोमल कलियों से द्वार सजाकर ,मधुर सपनो के दीप जलाकर,निज अरमानो के घर बनाकर हम हाथ में कंगना ,पैर में पैजनिया ,पोर-पोर में हया भरके ...सज-धज कर बैठ जाते हैं ,नैनो को बिछाकर सुनी पथ पर ...........दिल से चाहो तो कायनात साथ देती है ,
                                                               तुझमे अगर प्यास है तो बारिश का घर पास है………… 

1 comment:

  1. कितनी अच्छी पंक्ति है ......तुझमे अगर प्यास है तो बारिश का घर पास है…
    .इसीलिए तो करीना कपूर कहती है थोड़ी प्यास बढाओ .

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