Friday 21 June 2013

एक बच्चा जिस रास्ते इस दुनिया में पदापर्ण करता है,जिनसे अमृत -घूंट पीता है,मर्द बनते उसे पाने की आदम चाहत प्राकृतिक होती है ---पर क्या उसके लिए पैशाचिक -वृति ,अमानवीय -कृत्य जायज़ है आज की युवा-पीढ़ी क्या संस्कार ले प् रही है ,हमारे देश के ये होनहार ..कुछ पलों के सुख के लिए जघन्य अपराध भी कर सकते हैं?? दण्ड ऐसा प्रावधान हो की अगली बार करने के पहले कोई डरे और एक बार सोचे .......
ये जो देश व्यापी आवाज उठ रही है ......दोस्तों इसबार इसे दबने न दो--------और नहीं अब और नहीं------------
प्रोफाइल फोटो बदल एक मूक -शांत-विरोध ,संदेश --आशा के साथ--------फिर सुबह होगी ,सुहानी होगी .....हम बदलेंगे-युग बदलेगा -देश बदलेगा .........!

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